परिचय (दुनिया रचने वाले को लिरिक्स)
राम भक्तों की अद्भुत महिमा की कहानी में एक नाम ऐसा है जो सबसे अधिक चमकता है – “हनुमान जी।” भगवान श्रीराम के प्रति उनकी भक्ति और निष्ठा अद्वितीय है। हनुमान जी की भक्ति और सेवा की भावना ऐसी है कि “तेरे जैसा राम भक्त कोई हुआ न होगा” कहना उनके लिए एकदम उपयुक्त है। उन्होंने अपने पूरे जीवन में श्रीराम की सेवा, समर्पण और उनके आदर्शों का पालन किया। आइए, हम इस महान राम भक्त की कहानी में डूब जाएं और उनकी भक्ति की गहराई को समझने का प्रयास करें।
दुनिया रचने वाले को लिरिक्स (हिंदी)
तेरे जैसा राम भगत कोई हुआ ना होगा मतवाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला।
आज अवध की शोभी लगती स्वर्ग लोक से भी प्यारी,
१४ वर्षों बाद राम की राजतिलक की तयारी।
हनुमत के दिल की मत पूछो झूम रहा है मतवाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला॥
रतन जडित हीरो का हार जब लंकापति ने नज़र किया,
राम ने सोचा आभूषण है सीता जी की और किया।
सीता ने हनुमत को दे दिया, इसे पहन मेरे लाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला॥
हार हाथ में ले कर हनुमत गुमा फिरा कर देख रहे,
नहीं समझ में जब आया तब तोड़ तोड़ कर फैंक रहे।
लंकापति मन में पछताया, पड़ा है बंदिर से पाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला॥
लंकापति का धीरज टूटा क्रोध की भड़क उठी ज्वाला,
भरी सभा में बोल उठा क्या पागल हो अंजलि लाला।
अरे हार कीमती तोड़ डाला, पेड़ की डाल समझ डाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला॥
हाथ जोड़ कर हनुमत बोले, मुझे है क्या कीमत से काम,
मेरे काम की चीज वही है, जिस में बसते सीता राम।
राम नज़र ना आया इसमें, यूँ बोले बजरंग बाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला॥
इतनी बात सुनी हनुमत की, बोल उठा लंका वाला,
तेरे में क्या राम बसा है, बीच सभा में कह डाला।
चीर के सीना हनुमत ने सियाराम का दरश करा डाला,
एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला॥
दुनिया रचने वाले को लिरिक्स (हिंग्लिश)
jaise tera raam bhagat koee hua na hoga matavaala,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena dikhaavat daala.
aaj avadh kee shobhee svarg lok se bhee priy,
chaudah varsh baad raam kee raajatilak kee tayaaree.
hanumat ke dil kee baat poochho jhoom raha hai matavaala,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena moorti daala.
ratn jadit heero ka haar jab lankaapati ne dekhee,
raam ne seeta jee ke aabhooshanon kee pooja kee.
seeta ne hanumat ko de diya, ise pahana mere laala,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena moorti daala.
haath mein le kar hanumat guma phir kar dekh rahe,
samajh mein nahin aaya jab aaya tab brek tod kar phain rahe.
lankaapati man mein pachhataaya, pada hai bandar se paala,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena moorti daala.
lankaapati ka dhairy-baadha gusse kee lahar,
bharee mein sabha bol utha kya paagal ho anjali laala.
are haar anamol tukade daalo, ped kee daal samajho daalo,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena moorti daala.
haath jod kar hanumat bole, mujhe kya keemat se kaam,
mere kaam kee cheez vahee hai, jis mein basate seeta raam.
raam darshan na aaye isamen, yoon bole bajarang baala,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena moorti daala.
itanee baat suni hanumat kee, bol utha lanka vaala,
tere mein kya raam basa hai, beech sabha mein kah daala.
cheer ke seena hanumat ne siyaaraam ka darshan karaaya,
ek zara see baat kee eemaanadaaree seena moorti daala.
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